आर्ष प्रयोग का अर्थ
[ aares peryoga ]
आर्ष प्रयोग उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- भाषा के क्षेत्र में, किसी पद या शब्द का ऐसा प्रयोग जो व्याकरण के नियमों के विरुद्ध होने पर भी इसलिए प्रचलित तथा मान्य हो कि प्राचीन ऋषि आदि ऐसा प्रयोग कर गये हैं:"प्राचीन ग्रंथों में आर्षप्रयोग मिलते हैं"
पर्याय: आर्षप्रयोग, आर्ष-प्रयोग
उदाहरण वाक्य
- उसमें संस्कृत के शब्दों का प्रयोग आर्ष प्रयोग है , जो वैदिक और लौकिक संस्कृत के मध्यकाल का है।
- उसमें संस्कृत के शब्दों का प्रयोग आर्ष प्रयोग है , जो वैदिक और लौकिक संस्कृत के मध्यकाल का है।
- किसी देशभाषा के आर्ष प्रयोग के बिना समझे , बिना किसी विद्वान से पूछे , हँस देना मूर्खता की पहिचान है।
- यदि उर्दू में वचन के नियम विशेष ढंग से मान्य हैं , तो फिर ' आरज़ू ' को लेकर वचन संबन्धित प्रयोग किसी शायर / विद्वान विशेष का इकलौता प्रयोग नहीं मानूँगा और न ही मैं इस तरह के किसी प्रयोग को आगे से आर्ष प्रयोग की संज्ञा ही दूँगा .
- जानकारी की इसी अपेक्षा के तहत हमने अपने पिछले पोस्ट में निवेदन किया था - अब यह मेरी भी जिज्ञासा है कि उर्दू व्याकरण या ग़ज़ल के अरूज़ में इस हेतु क्या कुछ अलग से कहा गया है ? यदि उर्दू में वचन के नियम विशेष ढंग से मान्य हैं, तो फिर 'आरज़ू' को लेकर वचन संबन्धित प्रयोग किसी शायर/विद्वान विशेष का इकलौता प्रयोग नहीं मानूँगा और न ही मैं इस तरह के किसी प्रयोग को आगे से आर्ष प्रयोग की संज्ञा ही दूँगा.